संसार की खाक छानकर आचरण का हाथ आता है
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संसार की खाक छानकर आचरण का स्वर्ण हाथ आता है. क्या बैठे-बिठाये भी वह मिल सकता है? हिंदुओं का संबंध यदि किसी प्राचीन असभ्य जाति के साथ रहा होता तो उनके वर्तमान वंश में अधिक बलवान श्रेणी के मनुष्य होते - तो उनमें भी ऋषि, पराक्रमी, जनरल और धीर-वीर पुरुष उत्पन्न होते.
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