Hindi, asked by shauryasinghyash, 2 days ago

संसार के लोकतांत्रिक देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रमुख स्थान है। यहाँ के नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हैं और उन्हें अपने विचार व्यक्त करने की पूरी स्वतंत्रता है। परंतु लगभग 150 वर्ष पहले ऐसी बात नहीं थी। उस समय अमेरिका में दास प्रथा प्रचलित थी। ये दास अफ्रीका के मूल निवासी थे। इन्हें गोरे लोग जबरदस्ती पकड़ कर ले आते और बाजारों में बेच देते थे। खरीदने वाले इन्हें इसलिए खरीदते थे कि कम खर्च में इनसे अधिक- से- अधिक काम लिया जा सके। इन हब्शियों के साथ पशुओं के समान व्यवहार किया जाता था, इन्हें किसी प्रकार के अधिकार प्राप्त नहीं थे। इस कुप्रथा का अंत करने वाले थे- अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, जिन्हें दासों को समान अधिकार और प्रतिष्ठा दिलाने के लिए अपने प्राणों की बलि देनी पड़ी। लिंकन ने राष्ट्रपति बनने पर दास प्रथा के अंत का निश्चय कर लिया। इससे दक्षिण के राज्य अत्यंत असंतुष्ट हो गए। उन्होंने अपने- आप को संयुक्त राज्य अमेरिका से अलग घोषित कर दिया। लिंकन को इससे बड़ी चिंता हुई। वे जानते थे कि देश तभी महान या शक्तिशाली बन सकेगा, जब उत्तर और दक्षिण के समस्त राज्य, संघ में रहेंगे। अतः संघ की रक्षा करना उन्होंने अपना कर्तव्य समझा। लिंकन यद्यपि शांतिप्रिय थे तथापि दक्षिण को संघ में रखने के लिए उन्होंने युद्ध स्वीकार कर लिया। साथ- ही- साथ दास प्रथा को समाप्त करने के लिए 1 जनवरी 1863 को ही लिंकन ने एक घोषणा की जिसके द्वारा यह प्रथा सदा के लिए समाप्त कर दी गई। गृहयुद्ध चार वर्षों तक चलता रहा। अंत में लिंकन की विजय हुई। युगों की दासता का अंत हुआ। संपूर्ण राष्ट्र एक सूत्र में बँध गया।

 प्रश्न(क)  संसार के लोकतांत्रिक देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका को प्रमुख स्थान क्यों दिया जाता है?

 प्रश्न (ख)लोग दासों को क्यों खरीदते थे?

 प्रश्न (ग) अब्राहम लिंकन को अपने प्राणों की बलि क्यों देनी पड़ी?

प्रश्न (घ) दासों की स्थिति दयनीय थी, कैसे?

प्रश्न (ङ) लिंकन ने संघ की रक्षा करना अपना कर्तव्य क्यों समझा?​

Answers

Answered by mansukhverma15487
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कर्मों की यहं नागरिकों को समान अधिकार मिलता है

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