Hindi, asked by arshitkushwaha4, 3 days ago

संसार की विषमताओं के बीच कवि कैसे जी रहे हैं

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Answered by bhatiamona
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संसार की विषमताओं के बीच कवि कैसे जी रहे हैं

संसार की विषमताओं में कवि मस्ती भरा जीवन जी रहा है।

व्याख्या :

कवि सुख और दुख दोनों स्थितियों को समान भाव ले रहा है, इसलिए वह सुख हो या दुख हो दोनों स्थितियों में प्रसन्न है। उसने संसार की विषमताओं के बीच तारतम्य बिठा लिया है। इसलिए वह सुख और दुख से निर्विकार हो गया है। इसी कारण संसार की विषमताओं के बीच मस्त होकर जी रहा है।

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