संसार में कष्टों को सहते हुए भी खुशी और मस्ती का माहौल कैसे पैदा किया जा सकता है ?
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संसार में कष्टों को सहते हुए भी खुशी और मस्ती का माहौल हम पैदा कर सकते है, यह सब हमारे हाथ में और हमारी सोच पर निर्भर करता है|
हम सब जानते है हमारे जीवन में सुख और दुःख आते ही जाते है| दुःख के बाद हमेशा सुख आता है , सु ख के बाद सुख का आना तय है।
हमें दुख का इतना मातम नहीं मानना चाहिए और सुख पर इतना अधिक प्रसन्न नहीं होना चाहिए। दोनों स्थितियों में समान भाव से रहना चाहिए। अतः जो मनुष्य इस सत्य को जान गया है, उसके लिए कष्ट इतने कष्टदायी नहीं रह जाते हैं। यदि हम दुःख को भूलकर और हिम्मत रखकर प्रसन्न रहते हैं तथा विश्वास करते हैं कि सुख भी अवश्य आएँगे, तो हम खुशी और मस्ती का माहौल पैदा कर सकते हैं।
सुख-दुख समय के अनुसार आते-जाते रहते हैं। मनुष्य को दुख से परेशान नहीं होना चाहिए| हमेशा हिम्मत रखकर दुःख वाले समय से सीखना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए | बुरे के बाद हमेशा अच्छा होता है|