सींसार में शाींनत, व्यवस्था और सद्भावना के प्रसार के ललए बुद्ि, ईसा मस ह, मुहम्मद चैतन्य,
नानक आहद महापरुुषों ने िमम के माध्यम से मनुष्य को परम कल्यार् के पथ का ननदेश ककया,
ककींतुबाद में यही िमम मनुष्य के हाथ में एक अस्र बन गया। िमम के नाम पर पथ्ृव पर
जजतना रक्तपात हुआ उतना और ककस कारर् से नहीीं। पर ि रे-ि रे मनुष्य अपन शुभ बुधि से
िमम के कारर् होने वाले अनथम को समझने लग गया है। भौगोललक स मा और िालममक
ववश्वासजननत भेदभाव अब िरत से लमटते जा रहे हैं। ववज्ञान की प्रगनत तथा सींचार के सािनों
में वद्ृधि के कारर् देशों की दरूरयााँकम हो गई हैं। इसके कारर् मानव-मानव में घर्ृ ा, ईष्र्या
वैमनस्य कटुता मेंसींसार में शाींनत, व्यवस्था और सद्भावना के प्रसार के ललए बुद्ि, ईसा मस ह,
मुहम्मद चैतन्य, नानक आहद महापुरुषों ने िमम के माध्यम से मनुष्य को परम कल्यार् के पथ
का ननदेश ककया, ककींतुबाद में यही िमम मनुष्य के हाथ में एक अस्र बन गया। िमम के नाम
पर पथ्ृव पर जजतना रक्तपात हुआ उतना और ककस कारर् से नहीीं। पर ि रे-ि रे मनुष्य
अपन शुभ बुधि से िमम के कारर् होने वाले अनथम को समझने लग गया है। भौगोललक स मा
और िालममक ववश्वासजननत भेदभाव अब िरत से लमटते जा रहे हैं। ववज्ञान की प्रगनत तथा
सींचार के सािनों में वद्ृधि के कारर् देशों की दरूरयााँकम हो गई हैं। इसके कारर् मानव-मानव
में घर्ृ ा, ईष्र्या वैमनस्य कटुता मेंकम नहीीं आई। मानव य मूल्यों के महत्त्व के प्रनत जागरूकता
उत्पन्न करने का एकमार सािन है लशक्षा का व्यापक प्रसार।
प्रश्न
(क) मनुष्य अधमम के कारण होनेवाले अनर्म को कैसे समझने लगा है
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Answer:
घृणा, ईर्ष्या, वैमनस्य, कटुता से
Explanation:
PLS MARK ME AS A BRAINLIST
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