Hindi, asked by Sumy6216, 6 hours ago

संसार मेंशांदत, व्यवस्था और सद्भावना केप्रसार केदलए बुद्ध,ईसा‍मसीह, मोहम्मि, चैतन्य,‍नानक आदि महापुरुषों नेधमयकेमाध्यम सेमनुष्य कोपरम कल्याण केपथ दनिेश दकया। दकंतुबाि मेंयही धमयमनुष्य केहाथ मेंएक अस्त्र बन गया। धमयकेनाम पर पथ्ृवी पर दितना रिपात हुआ, उतना‍और‍दकसी‍कारण‍से‍नहीं। पर‍धीरे-धीरेमनुष्य अपनी शुभ बुदद्ध सेधमयकेकारण होनेवालेअनथयको समझनेलग गयाह।ैभौगोदलक सीमा और धादमयक दवश्वास िदनत‍भेिभाव‍अब‍धरती‍से‍दमटते‍िा‍रहे‍हैं।‍दवज्ञान की प्रगदत तथा संचार केसाधनों मेंवदृद्ध केकारण िेशों की िरूरयााँकम‍हो‍गई हैं।‍इसके ‍कारण‍मानव-मानव मेंघणृ ा, ईष्याय, वैमनस्य कटुता मेंकमी नहीं आई। मानवीय मूल्यों के ‍महत्व‍के ‍प्रदत‍िागरूकता‍उत्पन्न‍करने‍का‍एकमात्र‍साधन‍है, दशक्षा‍का‍व्यापक‍प्रसार।

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Answered by alkaakse
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