संस्थागत सागर से क्या सही है
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नर्सिंग होम एसोसिएशन की बैठक का आयोजन
भास्कर संवाददाता | सागर
जिले में संस्थागत प्रसव के सही आंकड़ें जानने और प्राइवेट नर्सिंग होम्स होने वाले प्रसवों की जानकारी के लिए अब स्वास्थ्य विभाग प्राइवेट नर्सिंग होम्स को भी मदर चाइल्ड प्रोटेक्शन (एमसीपी) कार्ड में एंट्री अनिवार्य करेगा। जिसमें गर्भवती के इलाज की शुरुआत से लेकर प्रसव और शिशु के टीकाकरण से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी।
यह कार्ड अब तक शासकीय चिकित्सालयों में ही अनिवार्य होता था, लेकिन अब प्राइवेट नर्सिंग होम्स भी इसमें एंट्री करेंगे। मामले को लेकर सीएमएचओ कार्यालय द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है और जल्द ही विभाग की ओर से इसके लिए निर्देश जारी होंगे। यह बात नोडल अधिकारी डॉ. एमएल कटारे ने कही। रविवार को सिविल लाइंस स्थित एक होटल में नर्सिंग होम एसोसिएशन की एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें अस्पतालों के सोशल,लीगल, मेडिकोलीगल और समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में स्वास्थ्य विभाग के जेडी डॉ. संतोष जैन, बीएमसी अधीक्षक डॉ. आरएस वर्मा, सीएमएचओ डॉ. इंद्रराज सिंह ठाकुर और नर्सिंग एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट जेपी पालीवाल उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजीव मुखारिया ने किया और आभार डॉ. रामानुज गुप्ता ने माना। वहीं डॉ. एमएल कटारे ने आयुष्मान भारत और संतुष्टी योजना के संबंध में जानकारी दी। साथ ही गणेश नर्सिंग होम को संतुष्टी योजना के क्रियान्वयन पर बधाई दी। इस दौरान बीएमसी अधीक्षक डॉ. आरएस वर्मा ने ट्रेनिंग सेशन आयोजित करने और डॉ. संतोष जैन ने नर्सिंग होम्स को नियमों के दायरे में ही काम करने की बात कही। नर्सिंग एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट जेपी पालीवाल ने नर्सिंग होम के संचालन में होने वाली परेशानियों और मेडिकोलीगल समस्याओं के संबंध में विस्तार से बताया। साथ ही संचालकों को कर्तव्य के साथ सेवा करने की बात कही। इस दौरान डॉ. एसएस खन्ना, डॉ. संज्जोत महेश्वरी, डॉ.पीएस ठाकुर, डॉ. जीएस चौबे, डॉ. नीना गिडियन, डॉ. मनीष झा आदि उपस्थित थे।
रेट लिस्ट के हिसाब से ही करें मरीजों का इलाज
रेट लिस्ट के हिसाब से ही करें मरीजों का इलाजकार्यक्रम के दौरान डॉ. एमएल जैन ने नर्सिंग होम और पीएनडीटी एक्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि संचालक आवासीय परमिशन लेकर नर्सिंग होम बना लेते हैं, जबकि कमर्शियल परमिशन लेना आवश्यक है। वहीं कुल प्रसूतियों में से केवल 50 फीसदी ही सीजर करें। यदि इससे ज्यादा करते हैं तो उनका रिकॉर्ड मेंटेन करें। सोनोग्राफी सेंटर कर्मचारियों के भरोसे न छोड़ें। क्योंकि यदि सेंटर पर भ्रूण परीक्षण हुआ तो संचालक पर ही कार्रवाई की जाएगी। वहीं पुरानी मशीन खराब होने पर उसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करें। नर्सिंग लाइसेंस, पीएनडीटी लाइसेंस और जांचों का रिकार्ड संचालक सेंटर पर ही उपलब्ध कराएं।
जिले में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का बेहतर तरीके से संचालित किया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि इसका लाभ हर वर्ग के लोगों को मिल रहा है।
सुरक्षित प्रसव भारत सरकार के महालेखाकार व जनगणना आयुक्त की ओर से जारी किए गए वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिर्पोट 2012-13 के अनुसार सुरक्षित प्रसव में जिला कांकेर को प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है।
संस्थागत प्रसव डीएलएचएस सर्वे के आधार पर वर्ष 2007-08 में जिले का संस्थागत प्रसव 11.7 प्रतिशत था। भारत सरकार के महालेखाकार व जनगणना आयुक्त ने वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिर्पोट वर्ष 2012-13 जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षित संस्थागत प्रसव में जिला कांकेर को 68.4 प्रतिशत उपलब्धि के साथ छत्तीसगढ़ राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है।
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भानुप्रतापपुर व चारामा को पिछले साल संदर्भ इकाई के रूप में क्रियाशील किया गया हैं। यहां ऑपरेशन वाले प्रसव विशेषज्ञों के की ओर से सफलता पूर्वक संचालित किया जा रहा हैं।
12 सालों से संचालित हो रही योजना
जिले में 12 सालों से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन संचालित हो रहा है। साथ ही कायाकल्प योजना, पोषण पुनर्वास केन्द्र, मुस्कान, राष्ट्रीय जल जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, संस्थागत प्रसव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, टीकाकरण, क्षय नियंत्रण कार्यक्रम, महतारी 102, संजीवनी 108, राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन, मेडिकल मोबाइल यूनिट भी संचालित किया जा रहा है। इसके सकारात्मक क्रियान्वयन से आम जनता को तुरंत स्वास्थ लाभ मिल रहा है।
स्मार्ट कार्ड उपयोगिता 19.60 %
इसी तरह राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 2013-14 में जिला कांकेर में निर्मित कार्ड की उपयोगिता के 19.60 प्रतिशत के साथ जिले को प्रदेश राज्य में पहला स्थान प्राप्त हुआ। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में साल 2012-13 में जिले में को 90 प्रतिश टीकाकरण किया गया। इस मामले में भी प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है।