Political Science, asked by ankitkeshri182, 8 months ago

संसाधनों के विवेक पूर्व उपयोग के महत्व का वर्णन कीजिए​

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Answered by OpAryan1
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संसाधन क्या है?

संसाधन (resource) एक ऐसा स्रोत है जिसका उपयोग मनुष्य अपने इच्छाओं की पूर्ति के लिए के लिए करता है। कोई वस्तु प्रकृति में हो सकता है हमेशा से मौज़ूद रही हो लेकिन वह संसाधन नहीं कहलाती है, जब तक की मनुष्यों का उसमें हस्तक्षेप ना हो। हमारे पर्यावरण में उपलब्ध हर वह वस्तु संसाधन कहलाती है जिसका इस्तेमाल हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये कर सकते हैं, जिसे बनाने के लिये हमारे पास प्रौद्योगिकी है और जिसका इस्तेमाल सांस्कृतिक रूप से मान्य है। प्रकृति का कोई भी तत्व तभी संसाधन बनता है जब वह मानवीय सेवा करता है। इस संदर्भ में 1933 में जिम्मरमैन ने यह तर्क दिया था कि, ‘अपने आप में न तो पर्यावरण, और न ही उसके अंग, संसाधन हैं, जब तक वह मानवीय आवश्यकताओं को संतुष्ट करने में सक्षम न हो।

संसाधन शब्द का अभिप्राय साधारणतः मानव उपयोग की वस्तुओं से है। ये प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों हैं। मनुष्य प्रकृति के अपने अनुरूप उपयोग के लिए तकनीकों का विकास करता है। प्राकृतिक तंत्र में किसी तकनीक का जनप्रिय प्रयोग उसे एक सभ्यता में परिणित करता है, यथा जीने का तरीका या जीवन निर्वाह। इस प्रकार यह सांस्कृतिक संसाधन की स्थिति प्राप्त करता है। संसाधन राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के आधार का निर्माण करते हैं। भूमि, जल, वन, वायु, खनिज के बिना कोई भी कृषि व उद्योग का विकास नहीं कर सकता। ये प्राकृतिक पर्यावरण जैसे कि वायु, जल, वन और विभिन्न जैव रूपों का निर्माण करते हैं, जो कि मानवीय जीवन एवं विकास हेतु आवश्यक है। इन प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से मनुष्य ने घरों, भवनों, परिवहन एवं संचार के साधनों, उद्योगों आदि के अपने संसार का निर्माण किया है। ये मानव निर्मित संसाधन प्राकृतिक संसाधनों के साथ काफी उपयोगी भी हैं और मानव के विकास के लिए आवश्यक भी।

संसाधन का महत्व :

संसाधन मानव जीवन को सरल व सुखद बनाते हैं, संसाधनों के बिना हम जीवन की कल्पना भी नही कर सकते। आदिकाल मे मनुष्य पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर था। धीरे-धीरे मनुष्य ने अपनी बुद्धि-कौशल से प्रकृति के तत्वों का अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अधिकाधिक उपयोग किया। आज संसार के वे देश अधिक उन्नत व सम्पन्न माने जाते है जिनके पास अधिक संसाधन है। आज संसाधन की उपलब्धता हमारी प्रगति का सूचक बन गया है। इसीलिए संसाधनों का हमारे जीवन मे बड़ा महत्व है।

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रकृति का कोई भी तत्व तभी संसाधन कहलाएगा जब वह किसी मानवीय आवश्यकता की पूर्ति मे सहायक हो। किसी वस्तु या पदार्थ को संसाधन बनाना मनुष्य के हाथ मे है। मनुष्य अपनी बुद्धि, कौशल तकनीकी ज्ञान से प्राकृतिक तत्वों को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोगी एवं मूल्यवान बना लेता है। इस प्रक्रिया से प्राकृतिक तत्व संसाधन बन जाते हैं। संक्षेप मे हम कह सकते है कि प्राकृतिक साधन संसाधन तब बनते है जब मनुष्य अपने बुद्धि, कौशल तथा तकनीकी ज्ञान से उन्हें अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए रूपान्तरण कर और अधिक उपयोग एवं मूल्यवान बना लेता है।

सामान्यतः संसाधन प्राकृतिक होते है। मेकनाल के अनुसार प्राकृतिक संसाधन वे है जो प्रकृति के द्वारा प्रदान किए जाते है तथा मानव के लिए उपयोगी है

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