सो सकोगे,
2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर
लिखिए। अब न गहरी नींद में
तुम
गीत गाकर मैं जगाने आ रहा हूँ।
अटल अस्ताचल तुम्हें जाने न दूंगा,
अरुण उदयाचल सजाने आ रहा हूँ।
कल्पना में आज तक उड़ते रहे तुम,
साधना से सिहरकर मुड़ते रहे तुम।
अब तुम्हें आकाश में उड़ने न दूंगा,
तुम्हें धरती पर बसाने आ रहा हूँ।
देखकर मँझधार को दघबरा न जाना,
हाथ ले पतवार को घबरा न जाना।
अब किनारे पर तुम्हें थकने न दूंगा,
पार मैं तुमको लगाने आ रहा हूँ।
तुम उठो, धरती उठे,
नभ सिर उठाए तुम चलो गति में
नई गति झनझनाए।
विपथ होकर मैं तुम्हें मुड़ने न दूंगा,
प्रगति के पथ पर बढ़ाने आ रहा हूँ।
(क) उदयाचल और अस्ताचल से क्या अभिप्राय है? इनका
संबंध किन दिशाओं से है? (2)
(ख) 'आकाश में उड़ना' का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)
(ग) उपर्युक्त पंक्तियों में कवि क्या व्यक्त करना चाहता है? (2)
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1 atal astachal tumhe jane na dega
arud udyachal sajane araha hai
2ab akash me tumhe ab udne na duga iska mtlb vo tumhe bas darti me basane ara hai
3kavi ka kahne ka matlab yah hai ki tum kabhi niras ho ke piche mat socho age hi badte chalo jane tumhe kab tumari manjil mil jaye
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