सांसरवासी क्यों सुखी है ? और कबीरदास जी क्यों दुखी है ?
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आपने पूछा कबीर ने संसार को सुखी और स्वयं को दुखी चौकी कबीर का दोहा है उस पर कबीर जी कहते हैं कि सुखिया सब संसार है खावे और सुबह दुखिया दास कबीर है जागे और संसार सुखी इसलिए है कबीर की दृष्टि से कि वह उसके पास दो ही काम है खाना और सोना ऐसे लोग सुखी दिखाई पड़ते हैं देखा जाए तो दूर से देखने में ऐसे दिखते कबीर कहते हैं कि दुखिया दास कबीर है जागे और जागरण मिला है ईश्वर को प्राप्ति का ईश्वर के भजन करने का अर्थ साक्षात करने करने का इस समय का दुरुपयोग कर रहे हैं कभी तहसील को देखते हैं और दुखी होते रहते हैं तो यह मुख्य कारण है इसके लिए कबीर ने संसार को सुखी और स्वयं को दुखी कहा है
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