स
सत्य का दिखना और ओझल होना से कवि का क्या तात्पर्य है?
AA
)
Answers
Answered by
17
सत्य सभी व्यक्ति के अंदर विराजमान होता है। फर्क सिर्फ इतना है कि हर व्यक्ति सत्य को महसूस नहीं कर पाता। सत्यता ओझल हो जाती है जब झूठ सत्य के सामने भारी हो जाता है।
सत्य अगर सही तरीके से बोला जाए तो सत्य सत्य है, अगर सत्य को लोग तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करते हैं, तो सत्य ओझल हो जाता है। सत्य हमेशा उनको ही दिखता है, जो सत्य को अपना सबकुछ मान लेते हैं। अर्थात हमेशा सच्चाई के पथ पर चलते है।
HOPE IT HELPS......
DONT FORGET TO MARK THIS ONE AS THE BRAINLIEST......
Similar questions