संसद के कार्य एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
राष्ट्रपति की कार्यपालिका एवं विधायी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
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Answer:
1. कार्यपालिका का नियंत्रण
संसद का एक महत्त्वपूर्ण कार्य है मंत्रिपरिषद् की चूक और वचनबद्धता की जवाबदेही तय करते हुए उस पर अपने नियंत्रण के अधिकार का प्रयोग करना। धारा 75(3) में स्पष्ट कहा गया है कि मंत्रिपरिषद तभी तक कार्यरत रह सकती है, जब तक उसे लोकसभा का विश्वास प्राप्त है। संसद का यह महत्त्वपूर्ण कार्य एक जवाबदेह शासन को सुनिश्चित करता है।
2. कानून बनाना
कानून बनाना किसी भी विधानमंडल का प्रधान कार्य है। भारत की संसद उन तमाम विषयों पर कानून बनाती है, जो संघ सूची और समवर्ती सूची (राज्य और केंद्र, दोनों की सूची में शामिल विषय) में शामिल हैं।
3. वित्त का नियंत्रण
संसद, खासकर लोकसभा वित्त के कार्यक्षेत्र में महत्त्वपूर्ण अधिकारों का प्रयोग करती है। विधायिका को यह सुनिश्चित करना होता है कि सार्वजनिक निधि की उगाही और व्यय उसकी अनुमति से हो।
4. विमर्श शुरू करना
सभी महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक नीतियों की चर्चा सदन के पटल पर होती है। लिहाजा न केवल मंत्रिमंडल संसद का परामर्श हासिल करता है और अपनी खामियों के बारे में जानता है, बल्कि पूरे देश को भी सार्वजनिक महत्त्व के विषयों के बारे में जानकारी मिलती है।
5. संवैधानिक कार्य
संविधान के अंतर्गत संसद एकमात्र निकाय है, जो संविधान में संशोधन के लिए कोई प्रस्ताव पेश कर सकता है। संशोधन का प्रस्ताव किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) में पेश किया जा सकता है।
6. निर्वाचन संबंधी कार्य
संसद राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में भी भाग लेती है। यह अपनी समितियों के विभिन्न सदस्यों, पीठासीन पदाधिकारियों और उप पीठासीन पदाधिकारियों को भी चुनती है।
7. न्यायिक कार्य
संसद के पास राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सुप्रीम व हाई कोर्ट के जजों के साथ-साथ संघ व राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों तथा सदस्यों और सीएजी पर महाभियोग चलाने का अधिकार है।