संसद के दोनों सदनों में कौन-सा सदन अधिक शक्तिशाली है?
Answers
लोकसभा और राज्यसभा यह दो सदन हैं। अगर आप बात करें इन दोनों सदनों में सबसे ज्यादा शक्तिशाली कौन है, तो इसका जवाब है लोकसभा।
1). क्योंकि हमारे संविधान में लोकसभा को राज्यसभा से ज्यादा शक्तियां प्रदान की गई हैं।
2). वहीं लोकसभा के स्पीकर को राज्यसभा के चेयरमैन से ज्यादा शक्तियां प्रदान की गई है अब इसे पूरा साफ दिखाई देता है कि लोकसभा राज्यसभा से कहीं ज्यादा शक्तिशाली है
3). वहीं अगर बात करें लोकसभा के मेंबर्स की तो उन्हें जनता के द्वारा चुना जाता है। जबकि राज्य सभा के मेंबर्स को जनता के द्वारा नहीं चुना जाता, तो इससे भी लोकसभा की ज्यादा शक्ति का प्रदर्शन होता है।
भारत में संसद के दोनों सदनो लोकसभा और राज्यसभा में से लोकसभा अधिक शक्तिशाली है।
भारत मे द्विसदनीय संंसद व्यवस्था है, जहाँ पर संसद मुख्य कार्यपालिका है। संसद के दो सदन होते हैं, लोकसभा और राज्य सभा।
लोकसभा ससंद का निम्न और अस्थायी सदन होता है, जिसके सारे सदस्य प्रत्येक पाँच वर्ष के लिये आम चुनाव में जनता के प्रत्यक्ष मतदान द्वारा चुने जाते हैं।
राज्य का संसद का उच्च और स्थायी सदन है। राज्यसभा कभी भंग नही होती और इसके एक तिहाई सदस्य हर दो वर्ष पर निर्वाचित होते रहते हैं।
शक्ति की दृष्टि से देखा जाए तो संसद के दोनों सदन लगभग समान शक्तिशाली हैं, परंतु फिर भी लोकसभा को कुछ विशेषाधिकार प्राप्त है, इसलिए लोकसभा ही संसद के दोनों सदनों में ज्यादा शक्तिशाली है क्योंकि यदि संसद में कोई भी विधेयक पास करा ना हो किसी विषय पर चर्चा करनी हो तो संसद के दोनों सदनों की मंजूरी आवश्यक होती है, परन्तु धन विधेयक एक ऐसा विधेयक है जो केवल लोकसभा से ही पास किया जा सकता है। इस मामले में लोकसभा को राज्यसभा से अधिक शक्ति प्राप्त है।
इसके अलावा लोकसभा जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों द्वारा बनती है, जबकि राज्यसभा राज्यों की परिषद होती है जिसे खुद संसद के सांसद विधायक अपना मत देकर चुनते हैं, इसलिए लोकसभा अधिक लोकतांत्रिक है और उसे अधिक अधिकार भी प्राप्त हैं इसलिए लोकसभा अधिक शक्तिशाली है।
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