संसदीय समिति की व्यवस्था से संसद के विधायी कामों के मूल्यांकन और देखरेख पर क्या प्रभाव पड़ता है?
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Answer with Explanation:
संसदीय समिति की व्यवस्था से संसद के विधायी कामों के मूल्यांकन और देखरेख पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। संसद समितियां किसी बिल पर गहराई से विचार विमर्श करके संसद को भेजती हैं जिससे संसद को उन बिलों पर अधिक समय नहीं लगाना पड़ता। संसदीय समिति व्यवस्था ने संसद के कार्यभार को हल्का करने में काफी सहायता की है । कई बार समितियां महत्वपूर्ण बिलों में संशोधन करके उन्हें अधिक उपयोगी बना देती हैं । समितियों के होने के कारण कोई भी बिल जल्दबाजी में पास नहीं किया जाता , जोकि लोकतंत्र में बहुत जरूरी है । प्राय: समिति की सिफारिशों को संसद स्वीकार कर लेती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
किसी विधेयक को कानून बनने के क्रम में जिन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है उन्हें क्रमवार सजाएँ।
(क) किसी विधेयक पर चर्चा के लिए प्रस्ताव पारित किया जाता है।
(ख) विधेयक भारत के राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है - बताएँ कि वह अगर इस पर हस्ताक्षर नहीं करता/करती है, तो क्या होता है?
(ग) विधेयक दूसरे सदन में भेजा जाता है और वहाँ इसे पारित कर दिया जाता है।
(घ) विधेयक का प्रस्ताव जिस सदन में हुआ है उसमें यह विधेयक पारित होता है।
(ङ) विधेयक की हर धारा को पढ़ा जाता है और प्रत्येक धारा पर मतदान होता है।
(च) विधेयक उप-समिति के पास भेजा जाता है - समिति उसमें कुछ फेरबदल करती है और चर्चा के लिए सदन में भेज देती है।
(छ) संबद्ध मंत्री विधेयक को ज़रूरत के बारे में प्रस्ताव करता है।
(ज) विधि मंत्रालय का कानून-विभाग विधेयक तैयार करता है।
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डॉली और सुधा में इस बात पर चर्चा चल रही थी कि मौजूदा वक्त में संसद कितनी कारगर और प्रभावकारी है। डॉली का मानना था कि भारतीय संसद के कामकाज में गिरावट आयी है। यह गिरावट एकदम साफ दिखती है क्योंकि अब बहस-मुबाहिसे पर समय कम खर्च होता है। और सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करने अथवा वॉकआउट (बहिर्गमन) करने में ज्यादा। सुधा का तर्क था कि लोकसभा में अलग-अलग सरकारों ने मुँह की खायी है, धाराशायी हुई हैं। आप सुधा या डॉली के तर्क के पक्ष या विपक्ष में और कौन सा तर्क देंगे?
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समिति सदन की छानबीन करती है और रिपोर्ट करती है कि क्या संविधान द्वारा प्रदत्त नियमों, नियमों, उप-नियमों, कानूनों, आदि को बनाने या संसद द्वारा प्रत्यायोजित करने की शक्तियां इस तरह के प्रतिनिधिमंडल के दायरे में कार्यपालिका द्वारा ठीक से प्रयोग की जा रही हैं।