Chemistry, asked by Nowsh2262, 7 months ago

संश्लेषित आयन विनिमयक विधि द्वारा कठोर जल के मृदुकरण के सिद्धांत एवं विधि की विवेचना कीजिए।

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Answered by Madalasa22
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Answered by Dhruv4886
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संश्लेषित आयन विनिमयक विधि द्वारा कठोर जल के मृदुकरण के सिद्धांत एवं विधि की विवेचना कीया गया है –  

• इस बिधि द्वारा जल में विद्यमान स्थायी कठोरता प्रदर्शनकरी आयन को दूसरे आयन द्वारा प्रतिस्तापित कर दिया जाता है।

• इस बिधि में दो तरह के आयन बिनिमयक पद्धति का उपयोग किया जाता है, वो है – 1.अकार्बनिक आयन बिनिमयक, 2. कार्बनिक आयन बिनिमयक

• अकार्बनिक आयन बिनिमयक – इस विधि में सोडियम जियोलाइट का उपयोग किया जाता है। सोडियम जियोलाइट बास्तब में सोडियम एल्युमीनियम सिलिकेट नामक पदार्थ है।

सोडियम एल्युमीनियम सिलिकेट को एक बेलनाकार पात्र में रखते है, जिसमे मोटी रेत भरी होती है। कठोर जल को इसमें से प्रबाहित किया जाता है और जल में उपस्थित कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के लबन इससे बिक्रिया करता है।

Na_2Al_2Si_2O_8+CaCl_2 -----> Ca_2 Al_2Si_2O_8 + NaCl_2

• कार्बनिक आयन बिनिमयक – इस बिधि में संश्लेषित रेजिन का प्रयोग किया जाता है। ये रेजिन दो प्रकार के होते है – 1.ऋणायन बिनिमयक; 2.धनायन बिनिमयक।

ऋणायन बिनिमयक – ये रेजिन में हाइड्रोकार्बन समूह के साथ क्षारीय समूह -OH; -NH_2 जुड़े रहते है।

धनायन बिनिमयक - ये रेजिन में हाइड्रोकार्बन समूह के साथ अम्लीय समूह -COOH; -SO__3H जुड़े रहते है।

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