Hindi, asked by pranav2203, 9 months ago

सोशल मीडिया का बढ़ता प्रयोग विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों के अवमूल्यन के लिए उत्तरदायी है : विपक्ष debate​

Answers

Answered by riddhitiwari
20

Answer:

अनादिकाल से ही मनुष्य सामाजिक प्राणी माना जाता रहा है। क्योंकि जिंदा रहने के लिए भले ही रोटी-कपड़ा-मकान की जरूरत होती हो, लेकिन औकात में रहने के लिए शुरू से ही समाज की जरूरत महसूस की जाती रही है।

भले ही कालांतर में असामाजिक तत्व और असामाजिक घटनाएं महामारी की तरह बढ़ी हों, लेकिन फिर भी इससे मनुष्य के सामाजिक होने के तमगे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। क्योंकि बचपन से लेकर लड़कपन तक, मनुष्य ने अपने सयानेपन से पहले ही यह “सीन” भांपकर अपनी सामाजिकता को असामाजिकता की महामारी से बचाने के लिए “वैक्सीन” के इंजेक्शन दे रखे हैं। 9 महीने तक इंसान अपनी मां की “गर्भनाल” से जुड़ा रहता हैं और फिर उसकी नाल अपने पूरे परिवार से जुड़ जाती है। मतलब हम शुरू से “सड्डे-नाल” का महत्व समझते रहे है।

Please Mark as Brainliest

Similar questions