सोशल मीडिया का बढ़ता प्रयोग विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों के अवमूल्यन के लिए उत्तरदायी है। Debate in paksh
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vbhmfh vyj
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फेसबुक इंस्ट्राग्राम्,ट्विटर्,क्योरा पर हम सब अजनबी हैं, मानवता और नैतिकता के रिश्ते से बंधे हम लोग एक दूसरे को कुछ नहीं दे सकते सिवाए सम्मान के और यही सबसे अच्छा अभ्यास है। आप इंटरनेट, फेसबुक, सोशल साइट्स का उपयोग करते समय इस बात को कभी मत भूलें कि यहाँ अपने शब्दों से ही आपकी पहचान हैं।
सुलझी हुई बातचीत आपके उच्च प्रशिक्षित और नैतिकता को प्रतिबिंबित करेगी जबकि घटिया चर्चा इस बात को प्रकट करेगी कि आपकी नैतिक शिक्षा में कहीं कोई बड़ी कमी रह गई है…और ये आपके व्यक्तित्व को परिभाषित करेगी.. इसलिए जब भी बोलो तो अच्छा बोलो और यदि आप कुछ अच्छा नही बोल सकते तो मौन रहने में ही आपकी भलाई है।
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