संत ज्ञानेश्वर के पिताजी अपने परिवार को किस तीर्थ पर ले गए थे?
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¿ संत ज्ञानेश्वर के पिताजी अपने परिवार को किस तीर्थ पर ले गए थे ?
➲ आळंदी तीर्थक्षेत्र में।
✎... संत ज्ञानेश्वर के पिताजी विट्टठलपंत अपने परिवार को आळंदी तीर्थ ले गये थे। जहाँ वह सपरिवार बस गये। संत ज्ञानेश्वर के पिता विट्ठलपंत एक वीतरागी संत थे, जिन्होंने संन्यास ग्रहण कर लिया था और वह काशी चले गए। काशी में उनके गुरु ने जब यह जाना कि विठ्ठल विवाहित हैं और उनकी संताने हैं, उन्होंने उन्हें वापस ग्रहस्थ आश्रम में जाने की आज्ञा दी। परिणाम स्वरूप विट्ठलपंत ने वापस घर आकर ग्रहस्थाश्रम में प्रवे किया और अपने परिवार के साथ आळंदी तीर्थ स्थल चले गए और वहीं पर बस गए।
उस समय संन्यास में गए किसी व्यक्ति का दोबारा गृहस्थाश्रम में प्रवेश करना अनुचित माना जाता था। इसी कारण तत्कालीन ब्राह्मण समाज ने उनका बहिष्कार कर दिया। इस कारण संत ज्ञानेश्वर के माता-पिता विट्ठलपंत और रुकमणी देवी दोनों को आत्महत्या करनी पड़ी, ताकि उनके बच्चों को समाज में स्वीकृति मिल सके। संत ज्ञानेश्वर ने अपने बचपन का काफी समय आळंदी में ही बिताया।
आळंदी तीर्थक्षेत्र को ‘देवाची आळंदी’ के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर संत ज्ञानेश्वर की समाधि भी है। ये स्थान महाराष्ट्र के पुणे शहर से लगभग 25 किलोमीटर की दूर पर स्थित है। संत ज्ञानेश्वर के भक्तों के अलावा ये स्थान वारकरी सम्प्रदाय के लोगों के लिये विशिष्ट स्थान है।
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