Physics, asked by pooja17966, 10 months ago

स्टोक्स का नियम विमियन विधि से बताइए​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

इस नियम के अनुसार जब कोई वस्तु या पिंड किसी द्रव में गिरती है तो वह वस्तु द्रव के सम्पर्क में आती है और इस वस्तु के द्रव के सम्पर्क में आने से द्रव की परतें भी वस्तु के साथ साथ गति करना शुरू कर देती है जिसके कारण द्रव की परत आपस में आपेक्षिक गति करना शुरू कर देती है।

और हमने पढ़ा था की तरल की परतों के मध्य आपेक्षिक गति होने के कारण इनमे श्यान बल कार्य करने लगता है और यह श्यान बल इन परतों की आपस में सापेक्ष गति का विरोध करता है।

तरल की परतों के मध्य कार्यरत यह श्यान बल का मान वस्तु के आकार ,आकृति तथा द्रव के अन्दर इस वस्तु की गति के ऊपर निर्भर करता है , अर्थात जैसे जैसे वस्तु की गति बढती जाती है द्रव की परतों के मध्य श्यान बल का मान भी बढ़ता जाता है लेकिन एक स्थिति ऐसी आ जाती है जब वस्तु के ऊपर तथा निचे लगने वाला बल का मान बराबर हो जाता है , इसके बाद वस्तु एक नियत वेग से गति करना शुरू कर देती है इस नियत वेग को सीमान्त वेग कहते है।

उदाहरण : जब किसी शहद से भरे जग में एक लोहे की छोटी बॉल को डाला जाता है तो हम देख सकते है कि लोहे की बॉल धीरे धीरे शहद के जग के पैंदे तक चली जाती है।

जब गेंद को जग में डाला जाता है तो डालने के कुछ समय बाद ही गेंद सीमांत वेग तक पहुँच जाती है और गेंद पैंदे में जाना शुरू कर देती है अर्थात निचे जाना शुरू हो जाती है।

यह सीमांत वेग तक इसलिए पहुँच जाती है क्यूंकि इस पर ऊपर से गुरुत्वीय बल लगता है और निचे से शहद के कारण श्यान बल लगता है और जब गुरुत्वीय बल अर्थात ऊपर का बल श्यान बल अर्थात निचे के बल के बराबर हो जाता है तो बॉल सीमांत वेग से गति करता है और धीरे धीरे जग के पैंदे जा पहुँच जाता है।

स्टोक्स के नियम का सूत्र (Stokes’ Law Formula)

स्टोक्स ने इस सन्दर्भ में अपना नियम दिया है और इस नियम के अनुसार यदि शहद में गिरी गेंद की त्रिज्या को r मान लिया जाए और शहद अर्थात द्रव की श्यानता n हो और गेंद इस द्रव में v सीमान्त वेग से गति करे तो इस गेंद पर कार्य करने वाले श्यान बल का मान स्टोक्स के नियम के सूत्र से ज्ञात किया जाता है जो निम्न है –

F = 6πnrV

इसे ही स्टोक्स का नियम या समीकरण कहते है .

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