Hindi, asked by bpandeysures, 2 months ago

संत कवि सूरदास तथा कवित्री मीराबाई के दो-दो पद लिखिए​

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Answered by Itzkillerqueenxx
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Answer:

A progressive society is one that assimilates people from different backgrounds and give them equal opportunities to grow. Refer to the *theme of Chief Seattle's Speech and The Cold Within* to reflect on the repercussions if conducive environment is not provided for growth.

Answered by usharawat581
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राह तके मेरे नैन

अब तो दरस देदो कुञ्ज बिहारी

मनवा हैं बैचेन

नेह की डोरी तुम संग जोरी

हमसे तो नहीं जावेगी तोड़ी

हे मुरली धर कृष्ण मुरारी

तनिक ना आवे चैन

राह तके मेरे नैन ……..

मै म्हारों सुपनमा

लिसतें तो मै म्हारों सुपनमा

अर्थ:

मीरा अपने भजन में भगवान् कृष्ण से विनती कर रही हैं कि हे कृष्ण ! मैं दिन रात तुम्हारी राह देख रही हूँ. मेरी आँखे तुम्हे देखने के लिए बैचेन हैं मेरे मन को भी तुम्हारे दर्शन की ही ललक हैं.मैंने अपने नैन केवल तुम से मिलाये हैं अब ये मिलन टूट नहीं पायेगा. तुम आकर दर्शन दे जाओं तब ही मिलेगा मुझे चैन

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