संतुलित विकास असंतुलित विकास की व्याख्या कीजिए
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असंतुलित विकास एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी दिए गए अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र एक दूसरे के समान दर से नहीं बढ़ रहे हैं। ... कुछ राय देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े आयात और निर्यात के बीच असंतुलन पर आधारित हैं। इस समझ में वह उत्पादन शामिल है जो एक बार देश के भीतर हुआ और अब दूसरे राष्ट्र में चला गया है।
कम विकसित देशों की अपर्याप्त बाजार संरचना को सुधारने के लिए सन्तुलित वृद्धि का सिद्धान्त अर्थव्यवस्था के अधिक से अधिक क्षेत्रों में सम्भव, एक साथ होने वाले विनियोग को प्रस्तावित करता है जिससे एक उद्योग दूसरे के लिए एक बाजार एवं पूर्ति के स्रोत को उत्पन्न करें । यह सिद्धान्त सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था में पूंजी के प्रसार के वृहद फैलाव को विकास की प्रक्रिया हेतु पूर्व आवश्यकता मानकर चलता है ।
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