संताप भाषा की सार्थक ध्वनियों के उच्चारण द्वारा ही हम अपना भाव व्यक्त करते हैं इसलिए सक्षर के समान अनि भी महत्वपूर्ण हैं।
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हम दुख की भाषा की अर्थपूर्ण ध्वनियों का उच्चारण करके ही अपनी भावना व्यक्त करते हैं, इसलिए अनी भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि एक साक्षर। यह एक मुहावरा है।
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