English, asked by manikpatra306, 6 months ago

स्टोरी इन 200 वर्ड्स लिस्ट ऑफ द माय स्कूटर इन टर्म्स ऑफ एन ओल्ड बिल्डिंग फर्स्ट बिल्डिंग एंड शाइनी ओल्ड मैन विद ड्रॉपिंग सोल्डर पिनटु व्हाट आई डू नॉट गो इन द सीरीज फॉर इट इज द डेंजरस​

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Answered by sugantipandit7
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Answer:

I stopped my scooter in front of an old and dilapidated building. A skinny old man with dropping shoulders came towards me. " Don't go in, Sir", he whispered. " It is dangerous….." It startled me, those words. I wondered why so? The building had a certain essence to it, like it was inviting me to come inside. I asked the man what was the matter. It seemed like the man knew a great deal about this place. He replied,"This place has a long history. This has been the palace of Kashyap Singh, our great king. But suddenly strange things began to happen all across the town and the kingdom faced its downfall. Many people tried to discover this place but they never returned back. Some believe it is the spirit of the king but nobody knows for sure. So it is best for you to stay away." I was taken back. I never believe in such kind of idle talk. It is probably a hideout for thieves. But then why it was calling my name, inviting me to come? I wanted to explore this building and know its secrets. But till then, it will remain a mystery........

Answered by ItzMiracle
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Answer:

भारत गाँवों का देश है। भारत की अधिकतम जनता गाँवों में निवास करती हैं। महात्मा गाँधी कहते थे कि वास्तविक भारत का दर्शन गाँवों में ही सम्भव है जहाँ भारत की आत्मा बसी हुई है।

आज हममें से कितने लोगों ने गाँव देखे हैं? गाँव जिन्हें भगवान ने बनाया, जहाँ प्रकृति का सौन्दर्य बिखरा पड़ा है- हरे भरे खेत, कल कल करती नदियाँ, कुँयें की रहट पर सजी धजी औरतों की खिलखिलाहट, हुक्का पीते किसान, गाय के पीछे दौड़ते बच्चे, पेड़ों से आम तोड़कर खट्टे आम खाती किशोरियाँ, तितलियाँ पकड़ते किशोरन बाजरा और मक्की की रोटी, दूध दही, मक्खन और घी की बहुलता यह सब कल्पना में आता है जब हम गाँव की बात करते हैं।

भारत के गाँव उन्नत और समृद्ध थे। ग्रामीण कृषक कृषि पर गर्व अनुभव करते थे, संतुष्ट थे। गाँवों में कुटीर उद्योग फलते फूलते थे। लोग सुखी थे। भारत के गाँवों में स्वर्ग बसता था। किन्तु समय बीतने के साथ नगरों का विकास होता गया और गाँव पिछड़ते गये।

भारत के गाँवों की दशा अब दयनीय है। इसका मुख्य कारण अशिक्षा है। अशिक्षित होने के कारण ग्रामीण अत्यधिक आस्तिक, रूढ़िवादी और पौराणिक विचारधारा के हैं। गाँवों में साहूकारों, जमींदारों और व्यापारियों का अनावश्यक दबदबा है। किसान प्रकृति पर निर्भर करते हैं और सदैव सूखा तथा बाढ़ की चपेट में आकर नुकसान उठाते हैं। कर्जों में फंसे, तंगी में जीते, छोटे छोटे झगड़ों को निपटाने के लिए कचहरी के चक्कर लगाते हुए ये अपना जीवन बिता देते हैं।

Explanation:

ʜᴏᴘᴇ ʏᴏᴜ ғɪɴᴅ ɪᴛ ʜᴇʟᴘғᴜʟ

ᴛʜᴀɴᴋ ʏᴏᴜ

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