सितारे की के बादलों की ओट में सुना आकाश( भावार्थ लिखिए)
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सुना आकाश। ... परिहार जी कहते है कि जीवन रूपी आकाश पर जब खुशियों के तारे चमकते है तो जीवन आनंद अवर्णनीय होता है परंतु हर सुख क्षणिक होता है उसके ऊपर दुःख के बादल छा जाते हैं तो जीवन निराशा से घिरकर सुना आकाश की भाँति बन जाता है।
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