‘स्त्री–पुरुष समानता’के बारे में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
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‘स्त्री–पुरुष समानता’के बारे में अपने विचार :
स्त्री और पुरुष दोनों समान है | यह हमारी सोच पर निर्भर करता है कि हम दोनों प्रीत कैसी सोच रखते है | दोनों अपने जीवन में सफल है |दोनों मेहनत करके आज एक साथ मिलकर काम कर रहे है | स्त्री पुरुष के साथ हर क्षेत्र में काम कर रही है |
यदि आज अगर पुरुष डॉक्टर है , एक वकील , एक अध्यापक है , एक इंजीनियर है , एक अच्छा समाज सेवक है , एक पुलिस है , एक पायलट है |
आज के समय में एक स्त्री भी डॉक्टर है , वकील , अध्यापक , एक इंजीनियर , एक अच्छी समाज सेविका है , एक पुलिस है , एक अच्छी पायलट है |
दोनों एक समान है | दोनों समाज के लिए मिलकर काम कर रहे है | दोनों में कोई भिन्नता नहीं है | हमें पुरुष के साथ स्त्री का सम्मान करना चाहिए |
स्त्री और पुरुष एक ही गाड़ी के दो ऐसे पहिये है, जिसमे से यदि एक पहिया थोड़ा भी डगमगाया तो उसका असर दूसरे पहिये पर दिख जाता है। स्त्री पुरुष एक दूसरे के पूरक है। एक के बिना दूसरे का काम नहीं चलता।
पर यही समानता में अगर स्त्री जरा भी आगे बढ़ी की पुरुष जाती को ये तनिक भी नहीं भाता। कहने को तो स्त्री पुरुष एक दूसरे के पूरक है, परंतु समानता केवल पुरुष को तब तक ही अच्छी लगती है, जब तक कि स्त्री उसके साथ चले पर उससे आगे ना रहे।