Hindi, asked by HITESHJOGLE, 5 months ago

स्त्री शिक्षा के संदर्भ में अपने विचार लिखिए​

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Answered by ashishkumarsahu421
58

Answer:

स्त्री शिक्षा का देश पर प्रभाव

सभी क्षेत्रों में स्त्रियों तथा पुरुषों का समान अधिकार है। ... पुरुषों के समान शिक्षा प्राप्त नारियों में पुरुष, भाव आ जायेगा, इससे देश का अकल्याण होगा, ऐसी आशंका अनेक की है, किन्तु ऐसा विचार प्रतिक्रियावादी विचारधारा का द्योतक है। ज्ञान-साधन में सबके अधिकारों समान होना उचित है।

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Answered by rohantthomas9
18

Answer:

एक बेटी शिक्षित होती है तो वह शिक्षा का उपयोग अपने पूरे परिवार को साक्षर बनाने व उसके हित के लिए करती है। शिक्षा के कारण ही वह स्वयं के अधिकारों को सुरक्षित करती है और स्वयं को सक्षम बनाती है। आज की शिक्षित बेटी ही कल की कुशल गृहिणी (स्त्री) है। स्त्री शिक्षित होगी तो वह अपने घर की समस्याओं का समाधान स्वयं कर सकती है। इससे परिवार आसानी से चलता रहेगा। स्त्रियों की भागीदारी से देश का आर्थिक विकास और सकल घरेलू उत्पादन बढ़ जाता है। स्त्री की शिक्षा गरीबी पर नियंत्रण करने का एक प्रभावी उपाय है। इसके साथ ही घरेलू हिंसा व सामाजिक अत्याचार का शिकार होने वाली स्त्री यदि शिक्षित होगी, तो वह इस तरह की घटनाओं पर अपनी सक्षमता से नियंत्रण पा सकेगी। संतान की पहली गुरु उसकी माँ होती है। अत: स्त्री की शिक्षा का असर स्वयं के साथ-साथ परिवार, समाज व देश की पीढ़ी पर पड़ेगा। अहिल्याबाई होलकर, सावित्रीबाई फुले, कल्पना चावला जैसी स्त्रियों का योगदान ही स्त्री शिक्षा के प्रभाव का सर्वोत्तम उदाहरण है। इनके कार्यों के पीछे इनकी शिक्षा का महत्त्व था। संक्षेप में कह सकते हैं कि यदि स्त्री शिक्षित होगी तो वह अपने साथ ही परिवार, समाज व देश के विकास में संपूर्ण व महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकती है।

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