Hindi, asked by dipanshudhanik47, 1 month ago

स्त्रीशिक्षा क्षेत्रे अग्रगण्या पण्डिता रमाबाई 1858 तमे ख्रिष्यब्दे जन्म अलभत। तस्याः पिता अनन्तशास्त्री डोंगरे माता च लक्ष्मीबाई आस्तम्। तस्मिन् काले स्त्रीशिक्षायाः स्थिति: चिन्तनीया आसीत्। अनन्तर रमा अपि स्वमातुः संस्कृत शिक्षा प्राप्तवती, सा ब्रह्मसमाजेन प्रभाविता वेदाध्ययनम् अकरोत् । पश्चात् सा स्त्रीणां कृते वेदादीनां शिक्षायै आन्दोलन प्रारब्धवती ।​

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Answered by BladeGirl
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सरलार्थ :

सरलार्थ :स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में अग्रगण्या पण्डिता रमाबाई ने 1858 ई० में जन्म लिया। उनके पिता अनन्त शास्त्री डोंगरे और माता लक्ष्मीबाई थीं। उस समय में स्त्रियों की शिक्षा की दशा शोचनीय थी। स्त्रियों के लिए संस्कृत शिक्षा लगभग अप्रचलित थी। परन्तु डोंगरे ने रूढ़ियों से बँधी हुई धारणा को छोड़कर अपनी पत्नी को संस्कृत की शिक्षा दी। इसके लिए उन्होंने समाज की ताड़ना को भी सहा। इसके बाद रमा ने भी अपनी माता जी से संस्कृत की शिक्षा प्राप्त की।

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