Hindi, asked by raj086, 5 months ago

संत रैदास जी स्वयं को पानी और प्रभु के महत्व को चंदन क्यों माना है ?​

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Answered by shuchipatel06092004
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Answer:

कवि ने स्वयं को पानी मानकर प्रभु को चंदन माना है। ... कवि ने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि जिस प्रकार वन में रहने वाला मोर आसमान में घिरे बादलों को देख प्रसन्न हो जाता है, उसी प्रकार कवि भी अपने आराध्य को देखकर प्रसन्न होता है। सोने व सुहागे का आपस में घनिष्ठ संबंध है।

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