'स्त्री व पुरुष समाज के प्रमुख अंग हैं।' पर आधारित अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
Answers
हां यह जरूर है कि सुविधानुसार स्त्री व पुरुष के कार्यों का निर्धारण चलन में है। इसका यह मतलब नहीं कि जो कार्य पुरुष कर सकते हैं वह स्त्री नहीं। इसलिए सभी को समाज में अपने महत्व को समझकर अपने दायित्वों का ईमानदारी, लगन, निष्ठ व त्याग की भावना से निर्वहन करना चाहिए। यहीं परिवार, समाज व देशहित में हैं।
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Explanation:
नारीऔर पुरुष समाज के दो पहिए हैं। एक पहिया भी अगर कमजोर पड़ेगा तो परिवार की गाड़ी ठीक से नहीं चल पाएगी। महिलाओं को शुरू से दबाया जाता है, ताकि वह किसी भी तरह के अन्याय के खिलाफ आवाज ना उठा सकें। आज महिलाएं भले ही अपना परचम लहराएं, पर उन्हें घर में ही वह सम्मान नहीं मिलता जो उन्हें मिलना चाहिए। यह बातें रविवार को ऑक्सीजन मूवमेंट के संडे डिस्कशन के दौरान कही गयी। ऑक्सीजन मूवमेंट की तरफ से रविवार को छात्र-छात्राओं के लिए नारी के सम्मान पर परिचर्चा आयोजित की गई। डिस्कशन के दौरान विभिन्न स्कूल कॉलेजों के छात्र छात्राओं ने अपनी बात रखी।
महिलाओं को सम्मान देने से ही
प्रसन्न होंगे देवी-देवता