Hindi, asked by sayan7047, 1 month ago

सात समंद' से कवि का क्या तात्पर्य है?​

Answers

Answered by sunandatalgaonkar28
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यदि सातों समंदर की स्याही बना ली जाए और समस्त जंगलों की लकड़ी की लेखनी बना ली जाए और सम्पूर्ण धरती का कागज़ बना लिया जाए तो भी हरी के गुणों की व्याख्या नहीं की जा सकती है। साहेब ने हमेशा से ही गुरु को ईश्वर के तुल्य माना है, जिसमे अथाह गुण हैं और जिसके गुणों का बखान नहीं किया जा सकता है। सातों समुद्रों के जल की स्याही बना ली जाए और सभी वन समूहों की लेखनी बना ली जाए, तथा सारी पृथ्वी को काग़ज़ कर लिया जाए, तब भी परमात्मा के गुण को लिखा नहीं जा सकता। क्योंकि वह परमात्मा अनंत गुणों से युक्त है जिसका वर्णन संभव नहीं है। ऐसे ही गुरु की महिमा का वर्णन है की गुरु और गोविन्द दोनों एक ही समान हैं, वस्तुतः गुरु ईश्वर से भी बढकर है क्योंकि गोविन्द के विषय में गुरु देव जी ने ही बताया है।

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