संतोषी तथा विनाशी व्यतिकरण
में अंतर बताइस
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1. संपोषी व्यतिकरण– माध्यम के जिस बन्द पर दोनों तरंगे समान कला में मिलती है, वहाँ प्रकाश की परिणामी तीव्रता अधिकतम होती हैं, इसे संपोषी व्यतिकरण कहते है। 2. विनाशी व्यतिकराण– माध्यम के जिस बिन्दु पर दोनों तरंगे विपरीत कला में मिलती है, वहाँ प्रकाश की तीव्रता न्यूनतम या शून्य होती है।
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