Hindi, asked by kanak131, 5 hours ago

संतो देखत जग बौराना।
साँच कहौं तो मारन धावै, झूठे जग पतियाना।।
नेमी देखा धरमी देखा, प्रात करै असनाना।
आतम मारि पखानहि पूजै, उनमें कहु नहिं ज्ञाना ।।
बहुतक देखा परि औलिया, पढ़े कितेब कुराना।
कै मुरीद तदबीर बतावै, उनमें उहै जो ज्ञाना।।
भाव सौंदर्य कीजिए !​

Answers

Answered by sangyogitasinha
5

Explanation:

जग-जगत/संसार। बौराना-मती भ्रष्ट होना, पागल होना, साँच-सच/सत्य, धावै-दौड़ना, पतियाना-विश्वास करना, नेमी-नियम से चलने वाला, धरमी-धार्मिक, प्राप्त-प्रातः, असनाना-स्नान, आतम-स्वयं, पखानहि-पत्थरों को (मूर्तियों को), पीर औलिया-मजहब के गुरु, कितेब-ग्रंथ (किताब), मुरीद-शिष्य, तदबीर-उपाय, डिंभ धरि-घमंड करना, गुमाना-अभिमान, पाथर-पत्थर, पहिरे-पहनना, छाप तिलक अनुमाना-धार्मिक आडम्बर करना, तिलक और माल आदि का उपयोग, साखी-साक्षी, सब्दहि-गुरु मंत्र, आतम खबरि-आत्म ज्ञान, मोहि-मुझे, तुर्क-मुसलमान, दोउ-दोनों (हिन्दू मुस्लिम) लरि-लड़ना, मुए-मरना, मर्म-रहस्य, काहू-कोई, मन्तर-मन्त्र, महिमा-श्रेष्ठता, सिख्य-शिप्य, बूड़े-डूबना, अंतकाल-अंतिम समय, भर्म-भ्रम/संदेह, केतिक कहाँ तक, सहजै-सहज, समाना-शामिल हो जाना।

I hope this will help you

please mark me as brilliant

Similar questions