संता दिवस पर अपने शब्दों में लिखिए निबंध
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ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने की वजह से भारत में स्वतंत्रता दिवस सभी भारतीयों के लिये एक महत्वपूर्णं दिन है। हम इस दिन को हर साल 15 अगस्त 1947 से मना रहे है। गांधी, भगत सिंह, लाला लाजपत राय, तिलक और चन्द्रशेखर आजाद जैसे हजारों देशभक्तों की कुर्बानी से स्वतंत्रत हुआ भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में गिना जाता है।
आजादी के इस पर्व को सभी भारतीय अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे उत्सव की जगह को सजाना, फिल्में देखकर, अपने घरों पर राष्ट्रीय झंडे को लगा कर, राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत गाकर, तथा कई सारे सामाजिक क्रियाकलापों में भाग लेकर। राष्ट्रीय गौरव के इस पर्व को भारत सरकार द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और उसके बाद इस उत्सव को और खास बनाने के लिये भारतीय सेनाओं द्वारा परेड, विभिन्न राज्यों की झांकियों की प्रस्तुति, और राष्ट्रगान की धुन के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो उठता है।
राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथी के तौर पर होते है। कुछ लोग सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते है। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित होकर कुछ लोग 15 अगस्त के दिन देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्में देखते है साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन की वजह से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को खूब मदद मिली और 200 साल के लंबे संघर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली। स्वतंत्रता के लिये किये गये कड़े संघर्ष ने उत्प्रेरक का काम किया जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने अधिकारों के लिये हर भारतीय को एक साथ किया, चाहे वो किसी भी धर्म, वर्ग, जाति, संस्कृति या परंपरा को मानने वाले हो। यहां तक कि अरुणा आसिफ अली, एनी बेसेंट, कमला नेहरु, सरोजिनी नायडु और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी महिलाओं ने भी चुल्हा-चौका छोड़कर आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्णं भूमिका अदा की।
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स्वतंत्र रहने की इच्छा केवल मनुष्य में ही नहीं पशु, पक्षियों में भी पाई जाती है। हमारे देश को स्वतंत्र कराने के लिए हमारे देश के अनेक नेताओं ने अपना बलिदान दिया था उन्हीं के बलिदान के परिणामस्वरूप 15 अगस्त 1947 में हमें अंग्रेजी शासन से मुक्ति मिली। थी। इसी दिन से भारत एक स्वतंत्र देश गिना जाने लगा। तब से लेकर हर वर्ष 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय पर्व के रूप में आयोजित किया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश में अनेक प्रकार के कार्यक्रम होते हैं जिनमें देशभक्तों को याद किया जाता है तथा राष्ट्रीय ध्वज फ हराया जाता है। दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री प्रातः ध्वजारोहण करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज को तोपों की सलामी दी जाती है। ध्वजारोहण के पश्चात प्रधानमंत्री देशवासियों के नाम अपना संदेश देते हैं। इस कार्यक्रम को दूरदर्शन पर सीधा प्रसारित किया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय पर्व हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों को याद दिलाता है। हमारा कर्तव्य है कि उन देश भक्तों की कुरबानी को न भूलें जिन्होंने अपने मस्तक देकर हमें स्वतंत्रता का उपहार प्रदान किया। इस दिन हमें देश की एकता और अखंडता की रक्षा । का प्रण लेना चाहिए।