Hindi, asked by arohibiswas58, 2 months ago

संतति का लिंग निर्धारण किस प्रकार होता है​

Answers

Answered by deepak880036
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Explanation:

मनुष्य में लिंग निर्धारण (Sex determination in Human) :

23वें जोडे के गुणसूत्र, लिंग गुणसूत्र (sex chromosomes) भी कहलाते हैं। स्त्री में 23वें जोडे के गुणासूत्रों को XX द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। पुरुष में 23 3वें जोड़े के गुणसूत्र में एक लम्बा, किन्तु दूसरा काफी छोटा होता है और इन्हें XY से प्रदर्शित करते हैं।

Answered by poonammishra148218
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Answer:

संतान का लिंग पुरुष या स्त्री होने का निर्णय पुरुष के शुक्राणु के लिंगांतरण गुण से निर्भर करता है

Explanation:

संतति का लिंग निर्धारण उनके जन्म के समय के आधार पर होता है। इसका निर्धारण बच्चे के जन्म से पहले किया नहीं जा सकता।

जब एक माँ गर्भवती होती है, तो उसके गर्भ में बच्चा विकसित होता है। जब बच्चा जन्म लेता है, तो उसके लिंग का निर्धारण उसकी जन्मतिथि और समय के आधार पर किया जाता है।

लिंग का निर्धारण दो तरीकों से किया जा सकता है। पहला तरीका होरमोन टेस्ट है, जिसमें गर्भवती महिला के मूत्र से हॉरमोनों का परीक्षण किया जाता है। दूसरा तरीका सोनोग्राफी है, जिसमें गर्भ में बच्चे के लिंग को देखने के लिए उल्ट्रासाउंड इमेजिंग का उपयोग किया जाता है।

एक पुरुष के शुक्राणु में सभी गुण होते हैं जैसे कि लिंगांतरण, रंग, आकार, और तापमान। लेकिन शुक्राणु में केवल एक लिंगांतरण गुण होता है। इसलिए, जब एक पुरुष के शुक्राणु एक महिला के अंडों से मिलते हैं, तो शुक्राणु का लिंगांतरण गुण उस संतान के लिंग को निर्धारित करता है।

यदि शुक्राणु में एक X क्रोमोसोम होता है, तो संतान का लिंग स्त्री होगा। इसके बावजूद, यदि शुक्राणु में एक Y क्रोमोसोम होता है, तो संतान का लिंग पुरुष होगा। महिलाओं के अंडों में सभी X क्रोमोसोम होते हैं। इसलिए, संतान का लिंग पुरुष या स्त्री होने का निर्णय पुरुष के शुक्राणु के लिंगांतरण गुण से निर्भर करता है

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