Hindi, asked by shilpa000240, 4 months ago

सातवें दिन के युद्ध की क्या विशेषता नहीं​

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Answered by jaatsahab67
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सातवें दिन युद्ध में कौरवों द्वारा 'मंडलाकार व्यूह' की रचना की गई। पांडवों ने इसे भेदने के लिए 'वज्र व्यूह' की आकृति में अपनी सेना लगाई।

मंडलाकार व्यूह में एक हाथी के पास सात रथ, एक रथ की रक्षार्थ सात अश्वारोही, एक अश्वारोही की रक्षार्थ सात धनुर्धर तथा एक धनुर्धर की रक्षार्थ दस सैनिक लगाए गए थे। सेना के मध्य दुर्योधन था।

इस दिन अर्जुन अपनी युक्ति से कौरव सेना में भगदड़ मचा देते हैं।

धृष्टद्युम्न दुर्योधन को युद्ध में हरा देता है। अर्जुन पुत्र इरावान द्वारा विन्द और अनुविन्द को हरा दिया जाता है।

राजा भगदत्त घटोत्कच को और नकुल, सहदेव मिलकर शल्य को युद्ध क्षेत्र से भगा देते हैं।

यह सब देखकर एक बार भीष्म फिर से पांडव सेना का भयंकर संहार करते हैं।

विराट के पुत्र शंख के मारे जाने से इस दिन पांडव पक्ष की क्षति होती है।

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