‘ििीं सेठ , आज तु
मिेयज्ञ ककया िै। यज्ञ ििीं, मिायज्ञ ! उसे बेचोगेतो िम
िरीदेंगे, ििीं तो ििीं'।
प्रशन:- 1.उपरोक्त कथन की वक्ता व श्रोता कौन है? भक्तों को बिना देखे सि
क
ुछ कै से ज्ञात हो जाता था?
2. महायज्ञ से आप क्या समझते हैं? यज्ञ व महायज्ञ के अंतर को उदाहरण
सहहत स्पष्ट कीजजए।
3. सेठानी ने ऐसा क्यों कहा कक महाराज! उसे िेचोगे तो हम खरीदेंगे ,नहीं तो
नहीं ।‘इस कथन को समझा कर लिखखए
4. महायज्ञ का प
ुरस्कार' कहानी के द्वारा िेखक ने क्या संदेश हदया है? .
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‘ििीं सेठ , आज तु
मिेयज्ञ ककया िै। यज्ञ ििीं, मिायज्ञ ! उसे बेचोगेतो िम
िरीदेंगे, ििीं तो ििीं'।
प्रशन:- 1.उपरोक्त कथन की वक्ता व श्रोता कौन है? भक्तों को बिना देखे सि
क
ुछ कै से ज्ञात हो जाता था?
2. महायज्ञ से आप क्या समझते हैं? यज्ञ व महायज्ञ के अंतर को उदाहरण
सहहत स्पष्ट कीजजए।
3. सेठानी ने ऐसा क्यों कहा कक महाराज! उसे िेचोगे तो हम खरीदेंगे ,नहीं तो
नहीं ।‘इस कथन को समझा कर लिखखए
4. महायज्ञ का प
ुरस्कार' कहानी के द्वारा िेखक ने क्या संदेश हदया है? .
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