संदेह अलंकार को उदाहरण सहित समझाइए
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परिभाषा: रूप-रंग, आदि के साद्रश्य से जहां उपमेय में उपमान का संशय बना रहे या उपमेय के लिए दिए गए उपमानों में संशय रहे, वहाँ सन्देह अलंकार होता है। ... जब यह दुविधा बनती है , तब संदेह अलंकार होता है अथार्त जहाँ पर किसी व्यक्ति या वस्तु को देखकर संशय बना रहे वहाँ संदेह अलंकार होता है। यह अलंकार उभयालंकार का भी एक अंग है।
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सन्देह अलंकार के उदाहरण
1.
सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है। सारी ही की नारी है कि नारी ही की सारी है।
स्पष्टीकरण- साड़ी के बीच नारी है या नारी के बीच साडी इसका निश्चय नहीं हो पाने के कारण सन्देह अलंकार है।
2.
यह काया है या शेष उसी की छाया, क्षण भर उनकी कुछ नहीं समझ में आया।
सन्देहालंकार संस्कृत
'ससन्देहस्तु भेदोत्तौ तदनुक्तौ च संशयः - उपमेय में जब उपमान का संशय हो, तब संदेह अलंकार होता है। नीचे लिखे उदाहरणों को देखें