Hindi, asked by shreyamkuar, 9 months ago

साथी हाथ बढ़ाना कविता लिखिए ​

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Answered by drishtisingh156
13

साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

एक अकेला थक जाएगा मिल कर बोझ उठाना

साथी हाथ बढ़ाना

हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर क़दम बढ़ाया

सागर ने रस्ता छोड़ा पर्वत ने शीश झुकाया

फ़ौलादी हैं सीने अपने फ़ौलादी हैं बाँहें

हम चाहें तो पैदा कर दें, चट्टानों में राहें,

साथी हाथ बढ़ाना

मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से क्या डरना

कल ग़ैरों की ख़ातिर की अब अपनी ख़ातिर करना

अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

अपनी मंज़िल सच की मंज़िल अपना रस्ता नेक,

साथी हाथ बढ़ाना

एक से एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया

एक से एक मिले तो ज़र्रा बन जाता है सेहरा

एक से एक मिले तो राई बन सकता है पर्वत

एक से एक मिले तो इन्सान बस में कर ले क़िस्मत,

साथी हाथ बढ़ाना

माटी से हम लाल निकालें मोती लाएँ जल से

जो कुछ इस दुनिया में बना है, बना हमारे बल से

कब तक मेहनत के पैरों में ये दौलत की ज़ंजीरें

हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनों की तस्वीरें,

साथी हाथ बढ़ाना

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Answered by ⲊⲧɑⲅⲊⲏɑᴅⲟᏇ
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साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना

एक अकेला थक जाएगा मिल कर बोझ उठाना

साथी हाथ बढ़ाना

हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर क़दम बढ़ाया

सागर ने रस्ता छोड़ा पर्वत ने शीश झुकाया

फ़ौलादी हैं सीने अपने फ़ौलादी हैं बाँहें

हम चाहें तो पैदा कर दें, चट्टानों में राहें,

साथी हाथ बढ़ाना

मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से क्या डरना

कल ग़ैरों की ख़ातिर की अब अपनी ख़ातिर करना

अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक

अपनी मंज़िल सच की मंज़िल अपना रस्ता नेक,

साथी हाथ बढ़ाना

एक से एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया

एक से एक मिले तो ज़र्रा बन जाता है सेहरा

एक से एक मिले तो राई बन सकता है पर्वत

एक से एक मिले तो इन्सान बस में कर ले क़िस्मत,

साथी हाथ बढ़ाना

माटी से हम लाल निकालें मोती लाएँ जल से

जो कुछ इस दुनिया में बना है, बना हमारे बल से

कब तक मेहनत के पैरों में ये दौलत की ज़ंजीरें

हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनों की तस्वीरें,

साथी हाथ बढ़ाना

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