Hindi, asked by rishabhhello45, 1 month ago

स्थाई भाव से आप क्या समझते हैं​

Answers

Answered by sonam1808
4

Answer:

अभिप्राय यह है कि जब पर्याप्त विभाव, अनुभाव और व्यभिचारी अथवा संचारी भावों के संयोग से मानव-हृदय में सुषुप्त कोई (रति, उत्साह आदि) स्थायी-भाव जाग्रत होकर पुष्ट अवस्था को प्राप्त हो जाता है, तब उस व्यक्ति को 'रस' की अनुभूति होती है।

Answered by riyansh5
1

Answer:

\huge{\bf{\blue {\fbox{\underline{\color{red}{HEY\:MATE}}}}}}

\boxed{Here\:is\:your\:@nswer}

\huge\mathfrak{\orange{♠♠♠♠♠♠♠♠♠♠}}

\huge\bf{\pink{Answer}}

अभिप्राय यह है कि जब पर्याप्त विभाव, अनुभाव और व्यभिचारी अथवा संचारी भावों के संयोग से मानव-हृदय में सुषुप्त कोई (रति, उत्साह आदि) स्थायी-भाव जाग्रत होकर पुष्ट अवस्था को प्राप्त हो जाता है, तब उस व्यक्ति को 'रस' की अनुभूति होती है

\huge\mathfrak{\orange{♠♠♠♠♠♠♠♠♠♠}}

\huge\bold{\underline{\mid{\overline{\star{\purple{Nice\:Question}{\star{\mid}}}}}}}

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