Hindi, asked by manishpatel035704, 1 day ago

सुदामा चरित 71 वह पुलकनि, वह उठि मिलनि, वह आदर की बात। वह पठवनि गोपाल की, कछू न जानी जाता। घर-घर कर ओड़त फिरे, तनक दही भयो जो अब भयो, हरि को हरि को राज-समाज। हौं आवत नाहीं हुतौ, वाही पठयो ठेलि।। अब कहिहौं समुझाय कै, बहु धन धरौ सकेलि।। के कहा काजा वैसोई राज-समाज बने, गज, बाजि घने मन संभ्रम छायो। कैधों पर्यो कहुँ मारग भूलि, कि फैरि कै मैं अब द्वारका आयो।। भौन बिलोकिबे को मन लोचत, सोचत ही सब गाँव मझायो। पूँछत पाँडे फिरे सब सों, पर झोपरी को कहुँ खोज न पायो। कै वह टूटी-सी छानी हती, कहँ कंचन के अब धाम सुहावत। कै पग में पनही न हती, कहँ लै गजराजहु ठाढ़े महावत।। भूमि कठोर पै रात कटै, कहँ कोमल सेज पै नींद न आवत।। पै कै जुरतो नहिं कोदो सवाँ, प्रभु के परताप तें दाख न भावत।। -नरोत्तमदार​

Answers

Answered by XxBloodMoonXx
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Explanation:

ᎪSandy soil cannot be used to make pots.

Sandy soil isn't sticky. Sandy soils are typically coarse textured until 50 cm depth, retaining few nutrients and having a poor water holding capacity as a result. So it can't be used for making pot.

Answered by maahichauhan7361
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nice story

sandy is not to use pots

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