Hindi, asked by kartiksunita1409, 3 months ago

सुदामा को बेचारा कहने से क्या अभिप्राय हुआ है​

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Answered by Chuttad
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Answer:

कवि रहीम कहते हैं कि जो गरीबजनों अथवा दूसरों की भलाई करते हैं, वे ही बड़े लोग कहलाते हैं। सुदामा बेचारा अत्यन्त गरीब था, परन्तु श्रीकृष्ण ने मित्रता निभाते हुए उसका उद्धार किया। आशय यह है कि उन्होंने अपने मित्र सुदामा का बड़ा उपकार किया और उसे अपने समान ही सुदामापुरी का स्वामी व ऐश्वर्यशाली बना दिया

Answered by Anonymous
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\huge\mathfrak\pink{उत्तर}

सुदामा कृष्ण के परम मित्र तथा भक्त थे। वे समस्त वेद-पुराणों के ज्ञाता और विद्वान् ब्राह्मण थे। श्री कृष्ण से उनकी मित्रता ऋषि संदीपनी के गुरुकुल में हुई। सुदामा जी अपने ग्राम के बच्चों को शिक्षा प्रदान करते थे और अपना जीवन यापन ब्राह्मण रीति के अनुसार वृत्ति मांग कर करते थे। वे एक निर्धन ब्राह्मण थे फिर भी सुदामा इतने में ही संतुष्ट रहते और हरि भजन करते रहते। दीक्षा के बाद वे अस्मावतीपुर (वर्तमान पोरबन्दर) में रहते थे। अपनी पत्नी के कहने पर सहायता के लिए द्वारिकाधीश श्री कृष्ण के पास गए। परन्तु संकोचवश उन्होंने अपने मुख से श्री कृष्ण से कुछ नहीं माँगा। परन्तु श्री कृष्ण तो अन्तर्यामी हैं, उन्होंने भी सुदामा को खली हाथ ही विदा कर दिया। जब सुदामा जी अपने नगर पहुंचे तो उन्होंने पाया की उनकी टूटी-फूटी झोपडी के स्थान पर सुन्दर महल बना हुआ है तथा उनकी पत्नी और बच्चे सुन्दर, सजे-धजे वस्त्रो में सुशोभित हो रहे हैं। अब अस्मावतीपुर का नाम सुदामापुरी हो चुका था। इस प्रकार श्री कृष्ण ने सुदामा जी की निर्धनता का हरण किया।वे श्री कृष्ण के अच्छे मित्र थे। वे दोनों दोस्ती की मिसाल है।

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