संदेश लेखन ऑन सोशल मीडिया की अफवाह से बचने हेतु संदेश
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इन आंकड़ों को देखें तो ये समझना मुश्किल नहीं कि राजनातिक पार्टियां ऑनलाइन कैंपेन या कहें सोशल मीडिया के इस्तेमाल को तवज्जो क्यों दे रहीं हैं.
बीते कुछ सालों में चुनावों में सोशल मीडिया की भूमिका कितनी ज़रूरी हो गई है, ये लैंस प्रिंस अपनी किताब 'द मोदी इफेक्ट' में बताते हैं.
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वो कहते हैं कि "मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही समझ चुके थे कि लोगों तक सीधे पहुंचने के लिए सोशल मीडिया बेहद ज़रूरी है. उनके लिए ये केवल जुनून नहीं बल्कि उनकी ज़रूरत बन गया था. और साल 2014 में उनकी जीत के पीछे इसकी अहम भूमिका रही थी."
2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने जिस तरह सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया उसे देख कर फाइनेंशियल टाइम्स ने तो मोदी भारत का पहला सोशल मीडिया प्रधानमंत्री तक कह डाला था.