स्थितियाँ सुखद हो या
हमें अपना संतुलन नहीं खोना चाहिए।
मानव को कल्पना की दुनिया से निकल कर
में जीना चाहिए।
पूर्णिमा रात चाँदनी से भरपूर होती है परंत
की रात अँधेरी होती है।
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स्थितियाँ सुखद हो या
हमें अपना संतुलन नहीं खोना चाहिए।
मानव को कल्पना की दुनिया से निकल कर
में जीना चाहिए।
पूर्णिमा रात चाँदनी से भरपूर होती है परंत
की रात अँधेरी होती है।
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