Math, asked by premvaramaxyz9971, 2 months ago

सिद्ध कीजिए √ 2 एक अपरिमेय संख्या है​

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प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।⇒ m2 एक समपूर्णांक है।

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।⇒ m2 एक समपूर्णांक है।⇒ m एक समपूर्णांक है। ....(A)

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।⇒ m2 एक समपूर्णांक है।⇒ m एक समपूर्णांक है। ....(A)= m = 2q, q∈ z ....(2)

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।⇒ m2 एक समपूर्णांक है।⇒ m एक समपूर्णांक है। ....(A)= m = 2q, q∈ z ....(2)(1) व (2) से

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।⇒ m2 एक समपूर्णांक है।⇒ m एक समपूर्णांक है। ....(A)= m = 2q, q∈ z ....(2)(1) व (2) से4q2 = 2n2

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।⇒ m2 एक समपूर्णांक है।⇒ m एक समपूर्णांक है। ....(A)= m = 2q, q∈ z ....(2)(1) व (2) से4q2 = 2n2⇒ n2 = 2q2

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।⇒ m2 एक समपूर्णांक है।⇒ m एक समपूर्णांक है। ....(A)= m = 2q, q∈ z ....(2)(1) व (2) से4q2 = 2n2⇒ n2 = 2q2⇒ n2 एक समपूर्णांक है।

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।⇒ m2 एक समपूर्णांक है।⇒ m एक समपूर्णांक है। ....(A)= m = 2q, q∈ z ....(2)(1) व (2) से4q2 = 2n2⇒ n2 = 2q2⇒ n2 एक समपूर्णांक है।⇒ n एक समपूर्णांक है। ....(B)

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।⇒ m2 एक समपूर्णांक है।⇒ m एक समपूर्णांक है। ....(A)= m = 2q, q∈ z ....(2)(1) व (2) से4q2 = 2n2⇒ n2 = 2q2⇒ n2 एक समपूर्णांक है।⇒ n एक समपूर्णांक है। ....(B)(A) तथा (B) ⇒ m तथा n दोनों ही समपूर्णांक है।

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।⇒ m2 एक समपूर्णांक है।⇒ m एक समपूर्णांक है। ....(A)= m = 2q, q∈ z ....(2)(1) व (2) से4q2 = 2n2⇒ n2 = 2q2⇒ n2 एक समपूर्णांक है।⇒ n एक समपूर्णांक है। ....(B)(A) तथा (B) ⇒ m तथा n दोनों ही समपूर्णांक है।⇒ H.C.F. (m, n) # 1

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए √2 अपरिमेय संख्या है।उत्तर- यदि सम्भव हो, तो माना √2 एक परिमेय संख्या है।तब मान √2 = m / n, H.C.F. (m, n) = 1, n≠ 0⇒ m = √2n⇒ m2 = 2n2 ….(1)⇒ 2n2 एक समपूर्णाक है।⇒ m2 एक समपूर्णांक है।⇒ m एक समपूर्णांक है। ....(A)= m = 2q, q∈ z ....(2)(1) व (2) से4q2 = 2n2⇒ n2 = 2q2⇒ n2 एक समपूर्णांक है।⇒ n एक समपूर्णांक है। ....(B)(A) तथा (B) ⇒ m तथा n दोनों ही समपूर्णांक है।⇒ H.C.F. (m, n) # 1अतः जो कि विरोधाभास है परिमेय होने का अतः √2 एक अपरिमेय संख्या है।

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