। सिद्ध कीजिए कि 5 एक अपरिमेय संख्या है।
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Answer:
माना कि 5परिमेय संख्या हैl
इसलिए, हम दो पूर्णांक a तथा b (≠ 0) ज्ञात कर सकते हैं ताकि
√5=a/b
√5b/a
दोनों तरफ वर्ग करने पर हम प्राप्त करते है
5b = a
⇒ 5, a को विभाजित करता हैl ......(i)
⇒ 5, a को विभाजित करता हैl ......(ii)
हम लिख सकते हैं
a = 5c जहाँ c एक पूर्णांक हैl
समीकरण (ii) में a का मान रखने पर
हम प्राप्त करते है,
5b = 25c
⇒ b = 5c
⇒ 5, b को विभाजित करता हैl
⇒ 5, b को विभाजित करता हैl ......(iii)
(ii) और (iii) से, हम देखते हैं कि a और b का 1 उभयनिष्ठ गुणनखंड हैl परन्तु यह हमारी कल्पना के विपरीत है कि a और b सह-अभाज्य हैंl अत: एक अपरिमेय संख्या हैl
Answer:
उत्तर: सबसे पहले इसका उलटा मान लेते हैं; यानि मान लेते हैं कि
√
5
एक परिमेय संख्या है।
ऐसी संख्या के लिये a और b दो ऐसी संख्या होंगी जहाँ b ≠ 0 तथा a और b कोप्राइम होंगे, ताकि;
√
5
=
a
b
या,
b
√
5
=
a
दोनों तरफ का वर्ग करने पर यह समीकरण मिलता है;
5
b
2
=
a
2
इसका मतलब है कि a2 5 से डिविजिबल होगा और इसलिये a भी 5 से डिविजिबल होगा।
लेकिन यह हमारी पहले के मान का विरोधी है कि a और b कोप्राइम हैं, क्योंकि हमें 5 के रूप में a और b का कम से कम एक कॉमन फैक्टर मिल गया है।
यह हमारे पहले मानी हुई संभावना कि
b
√
5
प्रमेय संख्या है का भी विरोधाभाषी है।
इसलिए एक
b
√
5
अप्रमेय संख्या है सिद्ध हुआ।