सिद्ध कीजिए कि रघुबीर सहाय नई कबिता ke सशक्त हस्ताक्षर हैं
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¿ रघुवीर सहाय की नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर है सिद्ध कीजिए ?
✎... रघुवीर सहाय हिंदी की नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर माने जाते हैं, इस बात में कोई भी संदेह नहीं है। रघुवीर सहाय ने अपनी कविताओं के माध्यम से आमजीवन के दैनिक प्रसंगों को इस तरह प्रस्तुत किया है कि उनकी कविता पाठक को स्वाभाविक रूप से आकर्षित करती रही है। उनकी कविताओं में एक खास तरह के विशेष शैली प्रकट होती है। उनकी कवितायें अधिकतक तथ्यात्मक रही हैं।
अपनी कविताओं के माध्यम से उन्होंने समानता और न्याय की लड़ाई को मुखरित किया है। उन्होंने हमेशा तानाशाही के खिलाफ अपनी कविताओं के माध्यम से विरोध प्रकट किया है। समाज में फैली असमानता को भी उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से उठाया है। उन्होने अपनी कविताओं में नारी के प्रति समतावादी दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होने अन्य कवियों द्वारा नारी को अबला और कमजोर के रूप मे प्रदर्शित किये जाने को पुरुष सामंतवादी दृष्टिकोण नही माना है। रघुवीर सहाय ने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज की क्रूर विसंगतियों पर भी प्रहार किया है। ये सारे गुण आधुनिक कविता के गुण है, इसलिये कहा जा सकता है कि रघुवीर सहाय नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर हैं।
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HELLO DEAR,
GIVEN:- सिद्ध कीजिए कि रघुबीर सहाय नई कबिता के सशक्त हस्ताक्षर हैं।
ANSWER:-
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि रघुवीर सहाय नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर हैं।
रघुवीर सहाय का जन्म 9 दिसंबर 1929 को लखनऊ उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनकी भाषा शैली हिंदी थी। उनकी विधाएं कविता ,कहानी , निबंध थे। उनकी प्रकाशित कृतियां सीढ़ियों पर धूप में, आत्मकथा के विरुद्ध, हंसो और हंसो, रास्ता इधर से है आदि है।
1982 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आपकी हंसी
निर्धन जनता का शोषण है
कह कर आप हंसे
लोकतंत्र का अंतिम क्षण है
कह कर आप हंसे
सब के सब है भ्रष्टाचारी
कह कर आप हंसे
चारों ओर बड़ी लाचारी
कह कर आप हंसे
कितने आप सुरक्षित होंगी
मैं सोचने लगा
सहसा मुझे अकेला पाकर
फिर से आप हंसे