सैद्धांतिक रूप में लोकतंत्र को अच्छा माना जाता है. परंतु व्यवहार में इसे इतना अच्छा नहीं माना जाता। इस कथन की पुष्टि तर्क सहित कीजिए।
Answers
Explanation:
हम औसत का प्रयोग आय की तुलना करने के लिए करते हैं।
आय की तुलना दो व्यक्तियों के बीच दो राज्यों के बीच या फिर दो देशों के बीच हो सकती है। एक देश के लोग दूसरे देश के लोगों से कितने बेहतर है? इसके लिए हम औसत आय की तुलना करते हैं जो कि देश की कुल आय को कुल जनसंख्या से भाग देखा निकाली जाती है।
उदाहरण के लिए अर्थशास्त्री आर्थिक विकास की दृष्टि से प्रति व्यक्ति आय या औसत आय को एक माप मानते हैं, लेकिन हो सकता है कि देश में औसत आय में वृद्धि हुई हो तथा धन और आय के वितरण से अधिक असमानताएं आई हो, अर्थात धनी व्यक्ति अधिक धनी हुए हैं ग़रीब व्यक्ति और ग़रीब । इस प्रकार औसत आय धनी और निर्धन के बीच अंतर नहीं बताती है। इसे विकास का अच्छा माप नहीं माना जा सकता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
- God bless you
दिए गए कथन की पुष्टि निम्नलिखित है-
Explanation:
हमें अपने आस पास लोगों से बात करने पर पता चलता है कि अन्य किसी भी वैकल्पिक शासन व्यवस्था की तुलना में अधिकांश लोग लोकतंत्र को पसंद करते हैं। परन्तु लोकतांत्रिक शासन के कामकाज से संतुष्ट होने वालों की संख्या उतनी अधिक नहीं होती। इसलिए हमारे सामने एक दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। क्यूंकि सैद्धांतिक रूप में देखा जाय तो लोकतंत्र को अच्छा माना जाता है पर व्यवहार में देखने पर इसे इतना अच्छा नहीं माना जाता। दुनिया के ज़्यादा तर देशों में किसी न किसी तरह की लोकतांत्रिक व्यवस्था चलती है। इन देशों का औपचारिक संविधान है , इनके यहाँ चुनाव होते हैं और राजनीतिक दल भी हैं। साथं ही, वे अपने नागरिकों को कुछ बुनियादी अधिकारों की गारंटी देते हैं। लोकतंत्र के ये तत्व तो अधिकाँश देशों में सामान हैं पर सामाजिक स्थिति , अपनी आर्थिक उपलब्धि और अपनी संस्कृतियों के मामले में ये देश एक दूसरे से काफी अलग अलग हैं। कई बार हम लोकतंत्र से हर चीज़ की उम्मीद लगा बैठते हैं कि यह सभी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं का समाधान कर सकता है। और अंत में जब हमारी कुछ उम्मीदें पूरी नहीं पाती तो हम लोकतंत्र की अवधारणा को ही दोष देने लगते हैं।