Geography, asked by Lonewolf4947, 10 months ago

स्थलाकृतिक मानचित्र निर्वचन का क्या अर्थ है तथा इसकी विधि क्या है, इसकी विवेचना कीजिए।

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Answered by jishnu172004
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Answer:

Ami hindi jani na jaye zalle !! pls make brainiest

Answered by bhatiamona
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स्थलाकृतिक मानचित्र निर्वचन का क्या अर्थ है

स्थलाकृतिक मानचित्र निर्वचन का अर्थ इन मानचित्रों को पढ़ना , समझना और व्याख्या करना है और अध्ययन करना शामिल होता है| जो मानचित्र पर दिखाए गए अनेक लक्षणों के बीच संबद्ध को समझने में सहायता करते है| उदाहरण के लिए स्थलाकृतिक मानचित्रों की सहायता से  प्राकृतिक वनस्पतियों के वितरण को परिवहन के साधनों और स्थलाकृतिकयों के द्वार पहचाना जा सकता है |  

स्थलाकृतिक मानचित्र एक दीर्घ मापक पर निर्मित बहुउद्देशीय मानचित्र होता है , जो भूतल के  छोटे-छोटे भाग को दर्शाता है| इस पर प्राकृतिक लक्षण जैसे जल-प्रवाह , धरातल , वनस्पति आदि और मानवीय लक्षण ,जैसे गाँव , नगर  नहरें तथा सड़कों को विस्तारपूर्वक दर्शाया जाता है|

निम्नलिखित चरण और विधियाँ मानचित्रों की व्याख्या में सहायता प्रदान करते है  

स्थलाकृतिक मानचित्र में स्थलाकृतिक शीट सूचक संख्या के अनुसार भारत में इसकी अवस्थिति ज्ञात की जा सकती है| इससे बृहत और माध्यम स्तर वाले भू-आकृति विभागों की सामान्य विशेषताओं की भी जानकारी मिलती है|

प्रारंभिक सूचना- इस के अंतर्गत मानचित्र में राज्य , जिला , संस्था , वर्ष , मापक आदि| समस्त प्रारंभिक सूचनाओं को सरलता से समझ लिया जाता है|

उच्चावच और जल-प्रवाह – भू-पत्रकों में समोच्च रेखाओं द्वारा धरातल की संरचना तथा ढाल प्रकट किया जाता है|

प्राकृतिक वनस्पति = भू-पत्रकों पर विभिन्न रंगों द्वारा वनस्पति के विभिन्न प्रकार और उनका वितरण प्रकट किया जाता है| पीले रंग से कृषि क्षेत्र तथा हरे रंग से प्राकृतिक वनस्पति , घास , झाड़ियाँ तथा वृक्ष आदि प्रदर्शित किए जाते है|

सिंचाई के साधन  = भू-पत्रकों में झील ,तालाब, कुँए नदियों तथा नहरों का चित्रण प्राय: नील रंग से किया जाता है, जिस ने सिंचाई साधनों का ज्ञान हो जाता है| यदि पत्रक में सिंचाई के साधन नहीं दिए गए है तो इसका अर्थ हुआ कि कृषि वर्षा पर ही निर्भर करती है|

 यातायात के साधन = इन पत्रकों में रेलमार्गों , सड़क-मार्गो , पगडंडियों तथा वायुमार्गो को परम्परागत चिन्हों द्वारा प्रकट किया जाता है , जिन के द्वारा क्षेत्र-विशेष में यातायात मार्गो और उन पर संचलित परिवहन साधनों का ज्ञान प्राप्त किया जाता है|

जनसंख्या का वितरण : भू-पत्रकों में बस्तियों की स्थिति से मानव-अधिवास के ठंग का सामान्य ज्ञान प्राप्त हो जाता है| सघन और विरल जनसंख्या द्वारा ग्रामीण और नगरीय बस्तियों का अध्ययन किया जा सकता है|  

ऐतिहासिक स्वरूप: इन भू-पत्रकों में युद्ध-स्थल , किला , राजधानियां , ऐतिहासिक स्थलों तथा और अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों का बोध होता है|  

जनसंख्या का वितरण : भू-पत्रकों में नगरीय तथा ग्रामीण अधिवासों की व्यापकता को देखकर जनसख्याँ के वितरण को समझा जा सकता है|

उद्योग-धन्धे – भू-पत्रकों के अध्ययन द्वारा मानवीय क्रियाकलयों: जैसे , कृषि , पशुचारण तथा कला का ज्ञान भी प्राप्त होता है| वनों का शोषण करते हैं , खनन कार्य करते है, मछली पकड़ते है , या भरी उद्योग भारी-धन्धे चलाते है|

सभ्यता और संकृति : इन भू-पत्रकों में स्कूल , मंदिर , मस्जिद , गिरजाघर , गुरुद्वारा , चिकित्सालय, रेलवे स्टेशन भवन , धर्मशालाएं आदि चिन्ह की सहायता से दर्शाए जाते है|  

भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य पाठ से  संबंधित प्रश्न

https://brainly.in/question/15944823

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 125 शब्दों में दीजिए:

(i) मानचित्र प्रक्षेप का वर्गीकरण करने के आधार की विवेचना कीजिए तथा प्रक्षेपों की मुख्य विशेषताएँ बताइए।

(ii) कौन-सा मानचित्र प्रक्षेप नौसंचालन उद्देश्य के लिए बहुत उपयोगी होता है? इस प्रक्षेप की सीमाओं एवं उपयोगों की विवेचना कीजिए।

(iii) एक मानक अक्षांश वाले शंकु प्रक्षेप के मुख्य गुण क्या हैं तथा उसकी सीमाओं की व्याख्या कीजिए।

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