Hindi, asked by deepabarua, 2 months ago

; संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए।
जागो बंसीवारे ललना जागो मोरे प्यारे
रजनी बीती भोर भयो है घर घर खुले किवारे
गोपी दही मथत सुनियत है कंगना के झनकारे
उठो लाल जी भोर भयो है सुर नर ठाड़े द्वारे​

Answers

Answered by jkour0751
9

Answer:

भोर और बरखा अर्थात् प्रभात और वर्षा इनसे संबंधित पदों में मीरा बाई ने अपनी अनन्य भक्ति व प्रेम कृष्ण के प्रति दर्शाया है कि कैसे प्रभात के समय वे श्रीकृष्ण को उठाना चाहती हैं और वर्णन करती हैं कि घर-घर के दरवाजे खुल गए हैं, गोपियाँ दही बिलो रही हैं, ग्वाल बाल सब गौओं को चराने जा रहे हैं व दूसरे पद में वर्षा ऋतु का ...

Similar questions