Hindi, asked by jagdalelatikap12, 3 months ago

संधिभेद
। संधी विच्छेद करके प्रकार लिखिए।
संधि-शब्द
संधि-विच्छेद
१) स्वागत
२) निराश
please give me answer​

Answers

Answered by alkasinghalkasingh70
1

Answer:

संधि – संधि का शाब्दिक अर्थ है-मेल। अर्थात् जब दो निकटवर्ती ध्वनियाँ आपस में मिल जाती हैं और एक नया रूप धारण करती हैं तब उसे संधि कहते हैं; जैसे-सूर्य+ उदय-सूर्योदय।

यहाँ ‘सूर्य’ की अंतिम ध्वनि ‘अ’ तथा ‘उदय’ की प्रारंभिक ध्वनि ‘उ’ पास-पास आकर एक नया रूप ‘ओ’ बना रही हैं। इस परिवर्तन या विकार का नाम संधि है।

कुछ और उदाहरण –

रेखा + अंकित = रेखांकित

राका + ईश = राकेश

लोक + उक्ति = लोकोक्ति

पा + अन = पवन

अति + अंत = अत्यंत

संधि के भेद – संधि के तीन भेद हैं –

स्वर संधि

व्यंजन संधि

विसर्ग संधि।

1. स्वर संधि- दो स्वरों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं; जैसे –

शिव+आलय=शिवालय

महा+आत्मा महात्मा

नर-ईश-नरेश

एक-एक एकैक

स्वर संधि के भेद –

स्वर संधि के पाँच भेद हैं –

(क) दीर्घ संधि

(ख) गुण संधि

(ग) वृद्धि संधि

(घ) यण संधि

(ङ) अयादि संधि।

(क) दीर्घ संधि-जब ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ से परे क्रमशः ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ आए तो दोनों मिलकर आ, ई, ऊ

हो जाते हैं, जैसे- शास्त्र + अर्थ = शास्त्रार्थ, धर्म + अर्थ = धर्मार्थ

(a)

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण संधि 1

(b)

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण संधि 2

(c)

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण संधि 3

(ख) गुण संधि-यदि अ और आ के आगे इ, ई, उ, क, ऋ हो तो दोनों के मिलने से ए, ओ, औ तथा अर हो जाता है;

जैसे –

(a)

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण संधि 4

(b)

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण संधि 5

(c)

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण संधि 6

(ग) वृद्धि संधि-यदि ह्रस्व अ या दीर्घ आ के बाद ए या ऐ हो तो दोनों मिलकर ऐ, ओ या औ हो जाता है; जैसे –

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण संधि 7

(घ) यण संधि-यदि इ, ई,उ, ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ, ई का अय, उ, ऊ का व तथा ऋ का ‘र’ हो जाता है; जैसे –

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण संधि 8

(ङ) अयादि संधि-जब ए/ऐ, ओ/औ के बाद कोई भिन्न स्वर आता है तो इनके स्थान पर ए-अय, ऐ-आय, ओ-अव तथा औ-आव में बदल जाता है; जैसे –

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण संधि 9

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण संधि 10

2. व्यंजन संधि – व्यंजन संधि का स्वर या व्यंजन से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं।

उदाहरण –

दिक् + अंबर = दिगंबर

वाक् + ईश = वागीश

षट् + आनन = षडानन

जगत् + अंबा = जगदंबा

वाक् + जाल = वाग्जाल

दिग् + दर्शन = दिग्दर्शन

तत् + रूप = तद्रूप

तत् + आकार = तदाकार

उत् + घाटन = उद्घाटन

सत् + उपयोग = सदुपयोग

सम् + भावना = संभावना

सम् + ध्या = संध्या

सम् + सार = संसार

उत् + गम = उद्गम

सम् + देह = संदेह

सम + तोष = संतोष

सम् + योग = संयोग

सम् + मति = सम्मति

जगत् + नाथ = जगन्नाथ

सत् + मार्ग = सन्मार्ग

उत् + माद = उन्माद

उत् + ज्वल = उज्ज्वल

उत् + नति = उन्नति

उत् + नयन = उन्नयन

उत् + चारण = उच्चारण

उत् + लास = उल्लास

उत् + लेख = उल्लेख

उत् + धरण = उद्धरण

वि + षाद = विषाद

प्र + नाम = प्रणाम

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